रोहित भाई हमेशा कहते हैं, मजे करो और खेलते रहो, सकारात्मक चीजें तुम्हारे पास आ ही जाएंगी': तिलक वर्मा

आईपीएल 2022 में 307 रनों के साथ मुंबई इंडियंस के सबसे सफल बल्लेबाज है यह युवा प्रतिभा ; तिलक मेंटल स्ट्रैंथ के लिए महेला जयवर्धने के इनपुट्स और रणनीतिक समझ के लिए जहीर खान को श्रेय देते हैं

मुंबई इंडियंस के युवा प्रतिभा- तिलक वर्मा, अपने कप्तान रोहित शर्मा के बारे में बात कर रहे हैं। एक ऐसा सीजन जिसमें मुंबई इंडियंस को अपने आईपीएल इतिहास की सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा, में वर्मा पांच बार की इस चैंपियन  टीम के लिए भविष्य की धरोहर के रूप में उभरे हैं।

तिलक में एक चिंगारी है। इस प्रतिभा को मुंबई इंडियंस ने देखा, और फिर नर्चर किया है। वर्मा जिस तरह के लोगों से घिरे हुए हैं और मुंबई इंडियंस में टीम की संस्कृति ने अच्छा प्रदर्शन करने में उनकी काफी मदद की है। रोहित शर्मा, मुख्य कोच महेला जयवर्धने और क्रिकेट (संचालन निदेशक) जहीर खान और उनके आसपास के सभी लोगों द्वारा प्रदान किया गया समर्थन तिलक के पास और साथ है। और फिर इस टीम में उनके किशोर साथी डेवाल्ड ब्रेविस भी हैं, जिनकी दोस्ती और संगत में तिलक ने काफी कुछ सीखा है। खेल के लिहाज से तिलक बेशक एक व्यस्क की तरह दिखाई देते हैं लेकिन असल में वह एक किशोर हैं, जो अभी कई मायनों में सीखने की प्रक्रिया में ही हैं।

रोहित शर्मा के क्रिकेट की फिलोसोफी को तिलक ने पूरे दिल से आत्मसात किया है। संयोग से, यह रोहित ही थे, जिन्होंने आईपीएल में डेब्यू मैच में तिलक को कैप पहनाया था।

वर्मा ने कहा, मैं हमेशा से रोहित भाई को कैसे पसंद करता हूं, इसलिए उनसे कैप पाकर मैं वास्तव में उत्साहित हो गया और मुझे ढेर सारा आत्मविश्वास मिला। वह मुझसे कहते रहते हैं कि मुझे किसी भी स्थिति में दबाव नहीं लेना चाहिए, और कहते हैं, 'जिस तरह आप आनंद लेते हैं और खेलते हैं, उसी तरह अपने खेल का आनंद लेते रहें। आप युवा हैं, यह इसका आनंद लेने का समय है। यदि आप इसे कभी खो देते हैं, तो यह वापस नहीं आता है। इसलिए जितना अधिक आप स्वयं के खेल का आनंद उठाएंगे और खेलेंगे, सकारात्मक चीजें आपके पास आएंगी। यदि आप आज उदास महसूस करते हैं, दबाव महसूस करते हैं, और मैच ठीक नहीं चल रहा है, तो आपके पास एक अच्छी जगह पर वापस जाने का समय नहीं होगा। तो खुद का आनंद लें। बुरे दिन आएंगे, अच्छे दिन भी आएंगे।‘’

वर्मा ने आगे कहा, ‘’अभी, मुंबई इंडियंस थोड़ा डाउन फेज में है। हम अच्छा खेल रहे हैं, लेकिन छोटी-छोटी गलतियों के कारण हम मैच हार रहे हैं। इसलिए अब भी वह मुझसे कहते हैं कि मैं वास्तव में अच्छा कर रहा हूं और मुझे कुछ भी बदलने की जरूरत नहीं है। 'ये चीजें होती हैं, और हम वापस आएंगे, तुम अच्छा कर रहे हो, इसलिए आनंद लेते रहो।' वह हमेशा मुझसे यह कहते हैं, और यह बहुत अच्छा लगता है।‘’

तिलक कहते हैं, " रोहित भाई ने मुझे हमेशा खुद के खेल का आनंद लेने के लिए कहा है और यह कुछ ऐसा है जो मुझे हमेशा याद रहता है। यह सामान्य रूप से मेरे जीवन के लिए भी मेरे साथ रहेगा। और यह काम भी कर रहा है। अगर मैंने अच्छी शुरुआत की है, तो वह उसी की वजह से है।"

तिलक कहते हैं कि बल्लेबाजी के तकनीकी पहलुओं से जुड़े इनपुट्स के लिए जयवर्धने से बेहतर कोई नहीं है। बकौल तिलक, ‘’वह मुझसे मेरी बल्लेबाजी के बारे में बात करते हैं और सुझाव देते हैं। अगर मैं एक शॉट खेलने के लिए खुद को तैयार करता हूं और उसी को खेलते हम आउट हो जाता हूं, तो वह मुझसे कहते हैं कि अगले मैच में भी मैं उस शॉट को खेलूं। क्योंकि वह मेरा स्कोरिंग शॉट है, इसलिए आप उस पर आउट भी हो सकते हैं, लेकिन आपको इससे रन भी मिलेंगे। वह व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत बनाते हैं।‘’

यदि रोहित उनके अंदर चरित्र (कैरेक्टर) और विश्वास का संचार करते हैं और जयवर्धने उनकी बल्लेबाजी से जुड़ी शारीरिक और मानसिक पहलुओं को तराशते हैं, तो जहीर उनके अंदर खेल को लेकर जागरूकता, और रणनीतिक समझ को निखारने का काम कर रहे हैं।

अपने खेल में जहीर के योगदान के बारे में तिलक कहते हैं, वह हमें हर मैच में अपने सराउंडिंग के बारे में जागरूक रहने के लिए कहते रहते हैं। हर टीम अलग होती है, गेंदबाज अलग होते हैं, रणनीति अलग होती है और पिच भी अलग होती है। अगर हम एक ही मैदान में खेलते हैं, तो भी दूसरे दिन माहौल अलग हो सकता है। इसलिए वह हमें सलाह देते हैं कि हम हालात में ढल जाएं । यदि आप स्थिति के अनुकूल हो जाते हैं, तो उस स्थिति को नेविगेट करना आसान हो जाता है। आपको बहुत ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है, आपको इसे संभालने के तरीके के बारे में अपने आप विचार आ जाएंगे।

मैदान के बाहर तिलक के डेवाल्ड ब्रेविस के साथ गहरे दोस्ताना संबंध हैं। इसे लेकर तिलक कहते हैं, हम मैदान के बाहर भी करीब हैं। चूंकि हम समान उम्र के हैं, इसलिए हम जल्दी से घुलमिल गए। वह अक्सर मेरे कमरे में होते है, जब भी हम कहीं जाते हैं, हम साथ जाते हैं। अब हम इतने करीब हैं कि हम एक-दूसरे को मैदान पर और बाहर भी अच्छी तरह समझते हैं। ऐसे में उनके साथ मैच में बल्लेबाजी करना काफी आसान हो गया है। समझ बहुत अच्छी है, और हम दूसरे के पास जा सकते हैं और एक दूसरे को बता सकते हैं कि क्या कुछ गलत हो रहा है। यह एक मैच में हालात को बहुत आसान बनाता है। और जब आप मैदान पर अच्छा कर रहे होते हैं, तो मैदान के बाहर भी रिश्ता अपने आप मजबूत हो जाता है।

मैदान पर की चुनौतियां उस तरह की हैं, जिसका सामना हर फ्रेंचाइजी ने आईपीएल में किया है। हालांकि, मैदान के बाहर का वातावरण बेहतरीन बना हुआ है, जो उज्ज्वल भविष्य के लिए दशा और दिशा तय कर रहा है।