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बुमराह की चोट को लेकर जोखिम नहीं लेना चाहते हैं रोहित शर्मा, ऑस्ट्रेलिया में मोहम्मद शमी से है अच्छे प्रदर्शन

By Mumbai Indians

“हम ऐसा जोखिम नहीं उठा सकते। हमने जितने भी स्पेशलिस्ट से बात की है, उन सभी की एक ही सलाह थी।" 

सही मायनो में यह किसी भी सेना के लिए अच्छा नहीं होता है जब वह अपने सबसे प्रमुख हथियार - ब्रह्मास्त्र के बिना युद्ध के मैदान में प्रतिद्वंदी का सामना करे। खास कर ऐसी हालत में जब उस एक हथियार के बल पर पिछले कुछ समय में सेना ने बड़ी जीत दर्ज की हो और उसके कंधे पर अपनी सेना को विजेता बनाने का पूरा दारोमदार हो। 

ऐसा ही टीम इंडिया, कप्तान रोहित शर्मा और बुमराह के साथ भी है। बुमराह पिछले कुछ समय में टीम के अहम हथियारों में से एक रहे हैं और उन्होंने कई मौकों पर अपने दम पर टीम को जीत दिलाई है। हालांकि, अब उनके बिना खेलना टीम की मजबूरी बन गई है। कप्तान रोहित शर्मा के पास स्टार गेंदबाज बुमराह की बिना मैदान पर उतरने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प मौजूद नहीं है। बुमराह को मैदान से कुछ दिनों तक दूर रहना होगा है ताकि वह चोट से उबर कर भविष्य में होने वाले बड़े मुकाबलों के लिए मजबूती के साथ तैयार हो सकें। 

पीठ की चोट के कारण बुमराह को पिछले कुछ समय से काफी समस्या हो रही है। अब यह समस्या इस कदर बढ़ गई है कि उन्हें ऑस्ट्रेलिया में होने वाले T20 विश्व कप से बाहर होना पड़ा है। साथ ही ऐसी संभावना है कि उन्हें अगले छह सप्ताह के लिए मैदान से बाहर रहना पड़ सकता है। आपको बता दें कि साल 2019 में वेस्टइंडीज दौर से ही बुमराह पीठ में दर्द की परेशानी से जूझ रहे हैं। लेकिन, अंततः टीम मैनेजमेंट को एक कड़ा फैसला लेना पड़ा है। यह पूरी तरह से समय पर निर्भर था और कप्तान रोहित शर्मा ने आखिरी मिनट तक इस बात का इंतजार किया कि शायद बुमराह खेलने की स्थिति में आ जाएं, लेकिन वे अभी इसके लिए तैयार नहीं है। उनका चोट से उबरना ज्यादा जरूरी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए, बुमराह के करियर और भारतीय टीम के आगामी बड़े मुकाबलों को ध्यान में रखते हुए रोहित और टीम मैनेजमेंट को एक कठोर लेकिन सही फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। 

रोहित ने कहा, "हमने उनकी चोट के बारे में कई विशेषज्ञों से बात की, लेकिन हमें अच्छा रिएक्शन नहीं मिला। यह विश्व कप बहुत जरूरी है, लेकिन उनका करियर उससे भी अधिक महत्वपूर्ण है। वह 27-28 साल के हैं। उन्हें अभी काफी क्रिकेट खेलना है।” 

"इसलिए, हम जोखिम नहीं उठा सकते। हमने कई विशेषज्ञों से बात की, उन सभी की एक ही सलाह है। अभी उन्हें बहुत क्रिकेट खेलना है, वह आगे खेलेंगे और भारत को मैच जीतने में सहायता करेंगे। इसमें कोई शक नहीं है कि वह इस विश्व कप में नहीं खेल पाएंगे।" 

मोहम्मद शमी कोविड-19 की लंबी लड़ाई के कारण एक बड़े अंतराल के बाद वापसी कर रहे हैं। उन्होंने आखिरी बार 2021 T20 विश्व कप में एक T20 मैच खेला था। उस वक्त उन्हें कार्डियोवस्कुलर फिटनेस टेस्ट के कारण विश्व कप के मैचों से बाहर होना पड़ा था। लेकिन, अब वे ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होने को तैयार हैं। हालांकि, अभी उनके लिए चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं। शमी के पास यहां के माहौल में ढलने, अपनी दिनचर्या को यहां के मुताबिक बनाने और वार्म अप मुकाबलों के माध्यम से अपनी लय हासिल करने के लिए कुछ दिनों का वक्त होगा ताकि वो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रभावशाली प्रदर्शन करने में कामयाब हो सकें। 

हालांकि, कप्तान रोहित इस बात को लेकर परेशान नहीं हैं। वह उनके अनुभवों पर पूरा भरोसा करते हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि कप्तान जब आप पर पूरे दिल से और आंख बंद कर भरोसा करता है तो उससे अधिक सुखद एहसास एक खिलाड़ी के लिए दुनिया में कुछ भी नहीं होता है। 

रोहित ने कहा, “शमी 2-3 हफ्ते पहले कोविड के चपेट में आ गए थे, वह घर पर ही, अपने फार्म में थे। उसके बाद उन्हें राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में बुलाया गया, वह वहां गए और पिछले 10 दिनों में कड़ी मेहनत की। कोविड के बाद उनकी रिकवरी बहुत अच्छी थी। उन्होंने तीन से चार गेंदबाजी सत्र में अच्छा प्रदर्शन किया। जहां तक शमी की बात है तो कुल मिलाकर सब कुछ अच्छा है।" 

"कल ब्रिस्बेन में हमारा अभ्यास सत्र है। वह [शमी] टीम के साथ अभ्यास करेंगे। हमने अब तक शमी के बारे में जो कुछ भी सुना है, वह बहुत सकारात्मक है। चोटें खेल का हिस्सा हैं और इनके बारे में ज्यादा कुछ कहा नहीं जा सकता है। जब आप इतने सारे मैच खेलते हैं, तो चोट लगना तय है। इस साल हमारा ध्यान इस बात पर था कि हम अपने रिजर्व खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारें।” 

"जब चोटों की बात आती है, तो ये अक्सर खिलाड़ियों के साथ होती हैं और आप इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकते। हमने पिछले एक साल में प्लेयर्स मैनेजमेंट के लिए काफी काम किया है, पिछले साल से हमारा ध्यान हर खिलाड़ियों को खेलने का मौका देने पर रहा है। हम जानते हैं कि चोट कभी भी लग सकती है, इसलिए हमारी कोशिश खिलाड़ियों को अधिक से अधिक मैच खिलाना और उनकी वापसी पर था। जो गेंदबाज विश्व कप में खेल रहे हैं, उन्होंने कई मैच खेले हैं और यही हमारा फोकस था। मुझे लगता है कि हमें सफलता मिली है।" 

वर्ल्ड कप में अगर शमी लाइमलाइट में बने रहे तो हैरान मत होइएगा और अगर बुमराह आक्रामकता के साथ वापसी करें तो आश्चर्यचकित न हों। आखिर ये कहानियां ही क्रिकेट को खास बनाती हैं।