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आईपीएल 2025 नीलामी से जुड़े सवाल-जवाब: रिटेंशन, राइट टू मैच, पर्स, अनकैप्ड नियम और अन्य जानकारी जानें

By Mumbai Indians

आईपीएल 2025 नीलामी के बारे में जानने के लिए यहां बहुत कुछ है। रिटेंशन और राइट टू मैच (RTM) का मिश्रण, राइट टू मैच नियमों में बदलाव, पर्स, पैसे का खर्च, अनकैप्ड प्लेयर नियम। इन सभी को समझने में मुश्किल हो रही है तो बिल्कुल भी चिंता न करें। यहां हमने आपके हर जरूरी सवाल को शामिल करने का प्रयास किया है।

रिटेंशन/राइट टू मैच - इन दोनों में क्या अंतर है?

यह संख्या छह है। प्रत्येक फ्रेंचाइजी या तो नीलामी से पहले या नीलामी के दौरान राइट टू मैच में अधिकतम छह खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती है। इन छह खिलाड़ियों में से अधिकतम पांच को कैप्ड (भारतीय या विदेशी) किया जा सकता है, और अधिकतम दो को अनकैप्ड किया जा सकता है। इस बार प्रत्येक टीम के पास नीलामी में खर्च करने के लिए उनके पर्स में कुल 120 करोड़ रुपये होंगे।

तो चलिए जानते हैं कि रिटेंशन कैसे काम करता है?

खिलाड़ी

पर्स से खर्च

रिटेन खिलाड़ी 1

18 करोड़

रिटेन खिलाड़ी 2

14 करोड़

रिटेन खिलाड़ी 3

11 करोड़

रिटेन खिलाड़ी 4

18 करोड़

रिटेन खिलाड़ी 5

14 करोड़

प्रत्येक अनकैप्ड खिलाड़ी के लिए टीम को अपने पर्स से 4 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।

पहला उदाहरण: अगर एक टीम 6 खिलाड़ियों (5 कैप्ड + 1 अनकैप्ड) को रिटेन करती है।

इस स्थिति में, टीम के पर्स से कुल 79 करोड़ रुपये काट लिए जाएंगे और टीम के पास नीलामी में खर्च करने के लिए 41 करोड़ रुपये शेष होंगे। छह खिलाड़ियों को रिटेन करने के बाद उनके पास कोई राइट टू मैच भी नहीं बचेगा।

दूसरा उदाहरण: एक टीम 5 खिलाड़ियों (4 कैप्ड + 1 अनकैप्ड) को रिटेन करती है।

ऐसे में टीम के पर्स से कुल 65 करोड़ रुपये काट लिए जाएंगे और टीम के पास नीलामी में खर्च करने के लिए 55 करोड़ रुपये होंगे। पांच खिलाड़ियों को रिटेन करने के बाद, उनके पास नीलामी के दौरान अपने मौजूदा खिलाड़ियों में से किसी अन्य को वापस लाने की कोशिश करने के लिए एक राइट टू मैच भी होगा।

क्या होगा यदि कोई टीम किसी खिलाड़ी को उसकी रिटेन करने की कीमत से अधिक या कम भुगतान करे?

इस स्थिति में नीलामी के लिए तय पर्स से कटौती न्यूनतम ही होगी। हालांकि, इसमें आगे बदलाव हो सकता है। उदाहरण के लिए, एक टीम रिटेन किए गए खिलाड़ी 1 को उसके ब्रैकेट वैल्यू से ऊपर 20 करोड़ रुपये का भुगतान करना चुन सकती है। इसके लिए उनके पर्स से अतिरिक्त 2 करोड़ रुपये की कटौती होगी।

मान लीजिए कि अगर कोई टीम रिटेन प्लेयर 1 को उसकी ब्रैकेट वैल्यू के तहत 15 करोड़ रुपये का भुगतान करने का फैसला करती है, तो उनके नीलामी पर्स से 18 करोड़ रुपये की कटौती होगी।

नया राइट टू मैच नियम क्या है?

चलिए इसे एक उदाहरण के साथ समझने की कोशिश करते हैं। मान लीजिए कि एक खिलाड़ी (खिलाड़ी X), जो वर्तमान में टीम-A का हिस्सा है और नीलामी में शामिल होता है। उसके लिए सबसे ऊंची बोली 6 करोड़ रुपये की टीम-B की ओर से लगाई गई। अब, यदि टीम-A उस खिलाड़ी-X पर अपने राइट टू मैच (RTM) का उपयोग करना चुनती है, तो टीम-B को अपनी उस कीमत को अपनी इच्छा के स्तर तक बढ़ाने का मौका मिलेगा। मान लीजिए कि उन्होंने 10 करोड़ रुपये तक अपनी कीमत बढ़ा दी है। अब, यदि टीम-A उस खिलाड़ी को चाहती है, तो वे अपने राइट टू मैच का उपयोग करते हुए खिलाड़ी-X को 10 करोड़ रुपये पर ले सकती है। अगर नहीं लेती है तो वह खिलाड़ी 10 करोड़ रुपये पर टीम-B में चला जाता है।

टीमों के लिए अपने रिटेन खिलाड़ियों की घोषणा करने की समय सीमा क्या है?

जो भी खिलाड़ी 31 अक्टूबर, 2024 को भारतीय समयानुसार शाम 5 बजे तक कैप्ड हो जाता है, उसे कैप्ड खिलाड़ी माना जाएगा।