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MI के साथ अपने पहले सीजन पर बोले डेवाल्ड ब्रेविस, “यह एक यादगार अनुभव था”

By Mumbai Indians

अपने पहले टाटा आईपीएल में डेवाल्ड ब्रेविस का प्रदर्शन शानदार रहा जहां उन्होंने शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करते हुए उनके बल्ले से 161 रन निकले। फिलहाल डेवाल्ड ब्रेविस ब्रेक पर हैं।

डेवाल्ड अपने घर दक्षिण अफ्रीका वापस चले गए हैं। वह इस समय कई महीनों के बाद अपने परिवार और दोस्तों के साथ वक्त गुजार रहे हैं। हाल ही में उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर ‘Cricket Fanatics’ मैग्जीन के साथ एक इंटरव्यू में टाटा आईपीएल को लेकर बात की।

यह अनुभव वाकई उनके लिए खास था और उनके लिए यह चुनना काफी मुश्किल था कि टाटा आईपीएल के दौरान उनकी पसंदीदा चीजें कौन सी थी।

ब्रेविस ने अपने इंटरव्यू में कहा, “जब मैंने अपना क्वारंटाइन समाप्त किया तो रोहित, ईशान और पूरी टीम के साथ मिलना मेरे लिए खास लम्हा था। इतने सारे लोगों के सामने खेलते हुए मेरा डेब्यू वाकई एक यादगार लम्हा था। दबाव तो काफी था और मुझे यह पसंद भी है। एमआई के लिए प्रदर्शन करने का दबाव मुझे पसंद है क्योंकि यह आपको टीम के लिए एक और ट्रॉफी दिलाने के लिए प्रेरित करता है।”

डेवाल्ड ब्रेविस के लिए एक और यादगार पल वह था, जब उनकी मुलाकात बचपन के आदर्श खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर से हुई। ब्रेविस ने उस वक्त को याद किया, जब उन्होंने पहली बार मास्टर ब्लास्टर को देखा तो उनके लिए वह पल कैसा था।

ब्रेविस ने उस पल को याद करते हुए कहा, “मैं जिम के फर्श पर लेटा हुआ था और अचानक दरवाजे पर सचिन सर दिखाई दिए। मुझे नहीं पता था कि क्या करना है और पहली बार मैंने उनसे हाथ हिलाया। मैं उन्हें अपना आदर्श मानता हूं और उन्होंने मुझे जो छोटी-छोटी तकनीक सिखाई, वह वाकई मेरे लिए बहुत खास था। इसके साथ ही मैंने कोच महेला जैसे दिग्गजों से काफी कुछ सीखा।”

एमआई की सपोर्ट टीम - महेला जयवर्धने, जहीर खान, रॉबिन सिंह, शेन बॉन्ड जैसे खिलाड़ियों ने इस युवा खिलाड़ी को ट्रेनिंग में काफी मदद की।

ब्रेविस ने कहा, “एमआई में सेट-अप बहुत शानदार है क्योंकि आपको सपोर्ट करने के लिए बहुत सारे लोग हैं। मैंने अपने लिए सही निर्णय लेने के लिए उन पर भरोसा किया, हर कोई बस यही चाहता था कि मैं निडर होकर अपना खेल खेलूं। मेरे लिए सीखने का एक महत्वपूर्ण भाग मानसिक पहलू भी था।”

“टॉप-लेवल का क्रिकेट कैसे काम करता है, यह समझने के लिए अधिक से अधिक खेल खेलना महत्वपूर्ण है। इसलिए जब मैं आखिर में टीम में वापस आया तो मेरे लिए यह जानना आसान हो गया कि अब क्या काम करना है। आपको खेल में निडर होना चाहिए लेकिन लापरवाह नहीं होना और उन लम्हें की पहचान करनी चाहिए जिन पर आपको कब अटैक करना है और कब सिंगल लेना है।"

और जब डेविड से उनके दोस्त तिलक वर्मा के साथ उनकी दोस्ती के बारे में पूछा गया, तो डीबी ने कहा कि वह दोनों अभी भी लगातार बातचीत करते हैं।

डेविड ने इस बाबत कहा, “मैं तिलक को मिस कर रहा हूं, वह बहुत अच्छा दोस्त है। हम अभी भी एक-दूसरे से बातें करते रहते हैं। वह मुझसे सिर्फ एक साल बड़े हैं और उनसे सीखने के लिए बहुत कुछ है। वह बहुत प्रैंक करता है। मैं पहले से ही प्लानिंग बना रहा हूं कि अगले साल उसका कैसे सामना करना है। मैंने उन्हें कुछ अफ्रीकी शब्द सिखाए हैं और उन्होंने मुझे थोड़ी हिंदी भी सिखाई है। मैं हिंदी में भी बोलना चाहूंगा।”

डेविड ने इस बात की काफी प्रशंसा कि टीम को सीजन के शुरुआती समय में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा लेकिन बावजूद टीम ने प्रयास करना बंद नहीं किया।

ब्रेविस ने टूर्नामेंट का निष्कर्ष निकालते हुए कहा, “आठ मैचों में मिली हार के बावजूद टीम हमेशा सकारात्मक थी। हम डटकर खड़े रहे और हम अंतिम छह मैचों में एक टीम के रूप में एक साथ आए। हमने इसे मिनी टाटा आईपीएल के रूप में खेला। यह देखना बहुत सुखद था कि रिजल्ट ने टीम को कैसे बदला और अगले सीजन के लिए आगे बढ़ना एक बड़ी सकारात्मक बात है।”

माइंडसेट, दोस्ती और सामूहिक भावना। यह निश्चित रूप से टाटा आईपीएल के अपने पहले सीजन में डेवाल्ड ब्रेविस के यादगार सफर का हिस्सा बनें। फिलहाल हम बेसब्री से इसका इंतजार कर रहे हैं कि आने वाले वर्षों में वह इसका उपयोग कैसे करते हैं!